The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
It is actually thought that frequent chanting of Chalisa delivers joy, peace, and prosperity while in the life of the devotees.
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन Shiv chaisa भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की shiv chalisa lyricsl आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥